A2Z सभी खबर सभी जिले की

मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत जल संरक्षण को नई दिशा, सोनपुरी मे इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल

बिलासपुर से जिला ब्यूरो सुरेंद्र श्रीवास सहयोगी उदयनाथ यादव की रिपोर्ट अखंड भारत न्यूज़ छत्तीसगढ़ :-------

बिलासपुर जिले में जल संरक्षण एवं जल संचय के वृहद प्रयास किये जा रहे है। जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर व्यापक कार्य किये जा रहे है।

इंजेक्शन वेल तकनीक से भूजल स्तर बढ़ाने की पहल –
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संचयन के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिलासपुर जिले में जल संरक्षण एवं जल संचय के वृहद प्रयास किये जा रहे है। जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर व्यापक कार्य किये जा रहे है।
मोर गांव मोर पानी महाअभियान के तहत जिले में भूजल रिचार्ज की आधुनिक तकनीक इंजेक्शन वेल को तेजी से अपनाया जा रहा है। यह तकनीक गांव को जल संकट से निजात दिलाने और भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है इंजेक्शन वेल तकनीक

Related Articles

इंजेक्शन वेल एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें वर्षा जल को सीधे जमीन के भीतर स्थित जल स्तर तक पहुंचाया जाता है। यह प्रक्रिया पानी के भंडारण से अधिक प्रभावी होती है। क्योंकि यह भूजल को सीधे रिचार्ज करती है। जिससे हैंडपंप, कुएं और तालाब पुनः जलयुक्त हो जाते है। ग्राम सोनपुरी में इंजेक्शन वेल तकनीक का उपयोग कर वर्तमान में सूखे तालाबों, पार्काेलेशन टैंक, डबरियों में इंजेक्शन वेल का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से सतही जल एवं वर्षा जल को तालाब में जमा कर उसे फिल्टर करते हुए साफ पानी से भूजल स्तर को रिचार्ज किया जा रहा है।

जनभागीदारी से मिल रही सफलता

जिला प्रशासन द्वारा मोर गांव मोर पानी अभियान को जन आंदोलन के रूप में अपनाया जा रहा है। जिले में इसके लिए जनजागरुकता का कार्य मनरेगा और एनआरएलएम के दल द्वारा किया जा रहा है। जिससे भू जल के कम से कम उपयोग और भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास में जनभागीदारी पर जोर दिया जा रहा है । इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में अधिक जल की आवश्यकता वाली फसलों जैसे धान की बुवाई के स्थान पर कम भूजल उपयोग वाले फसलों के विषय में जानकारी दी रही है।

जल संरक्षण हेतु सभी न शपथ पूर्वक आह्वान किया

जल संरक्षण हेतु जिले में निष्क्रिय बोरवेल को फिर से चालू करने के लिए 159 स्थानों का चिन्हांकन कर सैंड फिल्टर तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस अभियान को मोर गांव मोर पानी महाअभियान से जोड़कर क्रियान्वित किया जा रहा है इसके लिए जून माह के पहले सप्ताह में भी अलग अलग क्लस्टर में लगभग 6000 प्रतिभागियों की एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जिसमें गांव के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और स्व सहायता समूह की दीदियों ने भाग लिया। प्रशासन के इस अनूठे प्रयास से पानीं बचाने लिए लोगों में जागरूकता आ रही है जिससे भविष्य सुरक्षित हो रहा है।

Back to top button
error: Content is protected !!